जो मैंने चाहा उनको
कभी किसी का बुरा न किया ...
ना जाने क्यों लगे मुझे
की मेरे साथ ही ये क्यूँ हुआ...
देखे थे मैंने उनके साथ
बिताने के हँसी दो पल ...
पर सायद खुदा को मंज़ूर कुछ और ही था |
Painting By - Himanshu Gautam,Electrical MANIT(07-11) |
ना कभी वो जान पाएंगी की
चाहते कितना थे उनको हम
ना कभी हम कुछ कहने की हिम्मत जुटा पाए...
लेकिन ओ हसीना इतना गुरूर ना कर
पछताएगी उस दिन
जब जानेगी हाल-इ-दिल मेरा...
पर आशिक ठहरे हम
पूरी उम्र तेरी राह देखेंगे,
हम,हा हम-किसी और के कभी ना हो पाएंगे...
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